If you just fall in love with a flower, you go on appreciating it and go deep into that, and you will see that flower dissolves into the formless. You will see the space which is hiding deep inside that flower.
यदि तुम फूल से प्यार कर बैठे हो, तुम उसकी प्रशंसा करते रहते हो और उस में डूब जाते हो, और तुम देखते हो की फूल निराकार में मिल जाता है. तुम उस शून्य को देख पाते हो जो उस फूल की गहराई में है.
Sunday, February 1, 2009
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