Tuesday, October 21, 2008

10/7/2008

Emotions and Sensations
hEvery mood of mind, every wave of emotion in us, has a corresponding rhythym in the breath. And this rythym in the breath has a corresponding sensation in different parts of the body. They're all linked. And when we look at them, observe them, then life becomes more integrated. मन के हर वेग मैं, हम्मे भावना की हर लेहर, श्वास की ले इसके अनुरूप होती है. और श्वास की यह ले शरीर के हर भाग मैं इसके अनुरूप खलबली उत्पन्न करती है. यह सब एक दुसरे से सम्बंधित हैं. और जब हम उनको देखते हैं, उनको महसूस करते हैं, तब जीवन पूर्ण रूप से सम्पूर्ण हो जाता है.

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