Friday, January 23, 2009
The Big Mind
A big Mind---that is God. And your mind is part of that big Mind.
बड़ा दिमाग---जो इश्वर है. और तुम्हारा दिमाग उस बड़े दिमाग का एक हिस्सा है.
Seen and Unseen
यह सम्पूर्ण विश्व को तुम देखते हो, परन्तु तुम इश्वर को नहीं देखते---जो सम्पूर्ण विश्व का जीवन है
Nothing Else
There is nothing else that is more valuable than love in life.
जीवन में प्रेम से मूल्यवान कुछ भी नहीं है.
Not Much Different
तुम कार्य में, किसी में, हिंसा देखते हो और अपने मन् के भीतर तुम उस व्यक्ति के प्रति हिंसा अनुभव करते हो. तब तुम उस व्यक्ति से अलग नहीं हो जो हिंसा कर रहा है.
Thursday, January 15, 2009
Uninterrupted
Self Deception
हम में खास मुश्किल यह है की हम अपने साथ भी कुछ नहीं बांटते---अपने से धोखा. इसे तुम अपने को धोखा देना कहते हो, जब तुम अपने आप से ही सच्चे नहीं हो.
Anger is About the Past
Compliments and Insults
मन् की प्रवृति देखो: यदि दस अच्छे गुण हैं और एक नकारात्मक, मन् उस एक नकारात्मक में बंध जाता है. दस प्रशंसाएं और एक अपमान, मन् सब दस प्रशंसाएं भूल जाएगा. वेह एक अपमान पर अटक जाएगा और बार-बार इसी पर जाएगा.
Pulled in Two Directions
In Between
"मानव" इश्वर और जानवर की प्रवृति के बीच की लड़ी है.
Our Very Nature
ज्ञानी होना लक्ष्य को पाना नहीं है. बल्कि, अज्ञानता से, सारी परेशानियों से और तनाव से छुटकारा पाना लक्ष्य को पाना है. क्योंकि हमारी मूल प्रवृत्ति ज्ञानी होना है. इसीलिए, "मानव" और "इश्वर" दो
नहीं हैं. "मानव" उपरी आवरण है और "इश्वर" अंदरूनी.
Stay with the Question
"What is the purpose of my life?" This very question enlivens the human values in our system, in our self. But don't be in a hurry to find out an answer to this question. Be with the question. The question itself is like a tool by which you can become more deep within yourself.
"मेरे जीवन का क्या उद्देश्य है?" यह एक प्रश्न हमारे system में, हमारी आत्मा में मानवीय मौल्यों को प्रकाशित करता है. परन्तु इस प्रश्न के उत्तर को पाने में जल्दी मत करो. प्रश्न के साथ रहो. प्रश्न अपने में एक औजार है जिसके सहारे तुम अपने अन्दर की गहरी में उतर सकते हो.
Unending Desires
Tragic Cycle
जब तुम कहीं सुन्दरता को देखते हो, जब तुम किसी से प्रेम करने लगते हो, तुम्हारा अगला कदम होता है उस पर अधिकार करना, उसे पा लेना; और जब तुम उसे पा लेते हो, वेह अपनी महत्वपूर्णता खो देती है.
Love is Letting Go
प्रेम घुल जाने की , अदृश्य हो जाने की, मिल जाने की, एक हो जाने की प्रक्रिया है. प्रेम पूर्ण रूप से समर्पण की प्रकिर्या है.
Saturday, January 3, 2009
कुछ सीखें, कुछ भूलें और मुक्त हो जाएं
31 Dec 2008, 0000 hrs IST,नवभारत टाइम्स
श्री श्री रविशंकर प्रतिवर्ष हम नए साल का स्वागत दूसरों को खुशी और संपन्नता की शुभकामना देकर करते हैं।
संपन्नता का चिह्न क्या है? संपन्नता का चिह्न है मुक्ति, मुस्कान और जो कुछ भी अपने पास है उसे निर्भय होकर आसपास के लोगों के साथ बांटने की मन:स्थिति। संपन्नता का चिह्न है दृढ़ विश्वास कि जो भी मुझे चाहिए वह मुझे मिल जाएगा। 2009 का स्वागत अपनी आंतरिक मुस्कान के साथ करें। कैलंडर के पन्ने पलटने के साथ-साथ हम अपने मन के पन्नों को भी पलटते जाएं। प्राय: हमारी डायरी स्मृतियों से भरी हुई होती है। आप देखें कि आपके भविष्य के पन्ने बीती हुई घटनाओं से न भर जाएं। बीते हुए समय से कुछ सीखें, कुछ भूलें और आगे बढ़ें।
आप लोभ, घृणा, द्वेष तथा ऐसे अन्य सभी दोषों से मुक्त होना चाहते हो। यदि मन इन सभी नकारात्मक भावनाओं में लिप्त है, तो वह खुश व शांत नहीं रह सकता। आप अपना जीवन आनंदपूर्वक नहीं बिता सकते। आप देखें कि नकारात्मक भावनाएं भूतकाल की वजह से हैं और आप अपने उस भूतकाल को अपने वर्तमान जीवन के नए अनुभवों को नष्ट न करने दें। भूतकाल को क्षमा कर दें। यदि आप अपने बीते हुए समय को क्षमा नहीं कर पाएंगे, तो आपका भविष्य दुख से भर जाएगा। पिछले साल, जिनके साथ आपकी अनबन रही है, इस साल आप उनके साथ सुलह कर लें। भूत को छोड़ कर नया जीवन शुरू करने का संकल्प करें।
इस बार नववर्ष के आगमन पर हम इस धरती पर सभी के लिए शांति तथा संपन्नता के संकल्प के साथ लोगों को शुभकामनाएं दें। आर्थिक मंदी, आतंकवाद की छाया, बाढ़ तथा अकाल के इस समय में और अधिक नि:स्वार्थ सेवा करें। हम जानें कि इस संसार में हिंसा को रोकना ही हमारा प्राथमिक उद्देश्य है। इस विश्व को सभी प्रकार की सामाजिक तथा पारिवारिक हिंसा से मुक्त करना है। समाज के लिए और अधिक अच्छा करने का संकल्प लें। जो पीड़ित हैं उन्हें धीरज दें और समाज तथा राष्ट्र के प्रति उत्तरदायी बनें।
जीवन का आध्यात्मिक पहलू हमारे भीतर संपूर्ण विश्व, संपूर्ण मानवता के प्रति और अधिक अपनेपन, उत्तरदायित्व, संवेदना तथा सेवा का भाव विकसित करता है। अपने सच्चे स्वरूप में आध्यात्मिक भावनाएँ जाति, धर्म तथा राष्ट्रीयता की संकुचित सीमाओं को तोड़ देती हैं और हमें इस सृष्टि में सर्वत्र व्याप्त जीवन के सौंदर्य से अवगत कराती हैं।
इस वर्ष अपनी भक्ति को खिलने दें। उसे व्यक्त होने का अवसर दें। हमें अपने चारों ओर व्याप्त ईश्वर का, उसके प्रकाश का अनुभव करना चाहिए। आप के मन में इसे अनुभव करने की इच्छा होनी चाहिए। क्या आप में कभी यह इच्छा उत्पन्न हुई है -कि आप को श्रेष्ठतम शांति प्राप्त हो? संपूर्ण विश्व ईश्वरीय प्रकाश से व्याप्त है। जब आप गाते हैं या प्रार्थना करते हैं, तो उसमें पूर्ण तल्लीनता हो। यदि मन कहीं और उलझा हुआ है, तो सच्ची प्रार्थना नहीं हो सकती।
तुम एक मुक्त पंछी के समान हो। तुम पूर्णत: मुक्त हो। अनुभव करो कि तुम एक पंछी के समान उड़ना सीख रहे हो। उड़ना सीखो। यह तुम्हें स्वयं ही अनुभव करना होगा। जब मन तनाव मुक्त होता है, तभी बुद्धि तीक्ष्ण होती है। जब मन आकांक्षाओं और इच्छाओं जैसी छोटी-छोटी चीजों से भरा होता है, तब बुद्धि तीक्ष्ण नहीं हो पाती है। और जब बुद्धि तथा ग्रहण की क्षमता तीक्ष्ण नहीं होते, तब जीवन पूर्ण रूप से अभिव्यक्त नहीं होता, नए विचार नहीं बहते। तब हमारी क्षमताएं भी धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। बाहर निकला वह पहला कदम ही आपके जीवन की बहुत सी समस्याओं का समाधान कर देगा। इसलिए सहज रहो, प्रेम से भरे रहो। अपने आपको सेवा में लगाओ। अपने जीवन का उत्सव मनाओ।
1/2/2009
Dissolve in Love
In Divine love you cease to exist, you dissolve, like a pinch of salt that dissolves in water, a grain of sugar that disappears and dissolves and allows just that Divinity to be there.
इश्वर तुम्हारा अस्तित्व नहीं रहता, तुम मिल जाते हो, जिस तरह चुटकी भर नमक पानी में मिल जाता है, चीनी का एक दाना जो अदृश्य हो जाता है और मिल जाता है और केवल उस ईश्वरीय तत्त्व को ही वहां रहने देता है.
1/1/2009
Punch yourself
You are holding your fist now. And often you punch your own nose
अब तुम अपनी मुट्ठी पकडे हुए हो. और अक्सर तुम अपनी ही नाक पर मुक्का मर देते हो.
12/31/2008
Feel Oneness
When you feel so much oneness with the Master that you don’t feel, “The Master is separate, I am separate; the Divine is separate, I am separate,” that is Divine Love.
जब तुम गुरु के साथ एकता महसूस करते हो की तुम्हें यह महसूस नहीं होता की, "गुरु अलग हैं, मैं अलग हूँ; इश्वर अलग है, मैं अलग हूँ," वेह इश्वर्य प्रेम है.
12/30/2008
When you look at someone else’s mistake, you should laugh at it and feel compassionate towards it; then you are able to save your mind. जब तुम किसी की गलती को देखते हो, तुम्हें उस पर हँसना चाहिए और उस के प्रति दया महसूस करनी चाहिए; तब तुम अपने दिमाग को बचा पाओगे.
12/29/2008
Take life not serious. If you take life very serious, then you are bound to be disturbed. The only way you can maintain your equanimity is to take it as a play, as a game, and not take anything too serious. जीवन को गंभीरता से मत लो. यदि तुम जीवन को बहुत गंभीरता से लोगे, तब तुम परेशां होने के लिए बाध्य हो जाओगे. तुम अपनी समता एक ही तरह से बनाये रख सकते हो की उसे एक नाटक की तरह समझो, एक खेल की तरह समझो, और कुछ भी बहुत गंभीरता से न लो.
12/28/2008
This word "bhajan" is very precious. "Bhaj" means "to share." Sharing what? Sharing all that the Divine is. "भजन"शब्द बहुत अनमोला है. "भज" का अर्थ है "बाँटना." क्या बाँटना? जो कुछ भी इश्वर है उसे बाँटना.
12/27/2008
God is responsibility---total responsibility इश्वर जिम्मेदारी है---पूर्ण जिम्मेदारी.