Feel Oneness
When you feel so much oneness with the Master that you don’t feel, “The Master is separate, I am separate; the Divine is separate, I am separate,” that is Divine Love.
जब तुम गुरु के साथ एकता महसूस करते हो की तुम्हें यह महसूस नहीं होता की, "गुरु अलग हैं, मैं अलग हूँ; इश्वर अलग है, मैं अलग हूँ," वेह इश्वर्य प्रेम है.
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