Enlightenment is not an achievement। Rather, getting rid of ignorance is an achievement, getting rid of all the stresses and tension. Because our very nature is enlightenment. That's why "human" and "Divine" are not two things. "Human" is the outer skin and "Divine" is the inside.
ज्ञानी होना लक्ष्य को पाना नहीं है. बल्कि, अज्ञानता से, सारी परेशानियों से और तनाव से छुटकारा पाना लक्ष्य को पाना है. क्योंकि हमारी मूल प्रवृत्ति ज्ञानी होना है. इसीलिए, "मानव" और "इश्वर" दो
नहीं हैं. "मानव" उपरी आवरण है और "इश्वर" अंदरूनी.
Thursday, January 15, 2009
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