Pause
Just singing is not sufficient. One can just go on singing. But in between the songs, a few moments of silence, of depth, of experiencing the bliss of the infinite---that is very essential.
केवल गाना ही पर्याप्त नहीं है. तुम केवल गाते ही रह सकते हो. परन्तु गानों के मध्य में, कुछ घड़ी का मौन, कुछ घड़ी की गहरे, कुछ घड़ी का अनुभव ओउस अनंत का आनंद---वेह बहुत आवश्यक है।
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