Thursday, July 3, 2008

7/2/2008

Different Kinds of Tears
Devotion is very beautiful. A student comes to a master, a teacher, a guru, with tears in his eyes, there is so much problems. And when he leaves he carries the same tears, but the quality of the tear is different; it’s of gratitude. Still tears flow, but they are of gratitude, of love.
भक्ति सुंदर है. शिष्य मालिक, शिक्षक, गुरु, के पास आता है आंखों मैं आंसू लिए, कितनी सारी मुश्किलें हैं. और वोह वापस वहि आंसू लिए जाता है, परन्तु उनका गुन अलग है; वोह है धन्यवाद का. फ़िर भी आंसू बहता हैं, परन्तु वेह धन्यवाद के हैं, प्रेम के हैं।

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