Now or Later
If you are upset, you don't say, "Ok, tomorrow, I'll get upset. Today let me not get upset." But anything good, anything that is uplifting the Self, we have a tendency to postpone: "I'll do it tomorrow, later on, another time."
जब तुम परेशां होते हो, तुम यह नहीं कहते , "ठीक है , कल , मे परेशां हो जाऊंगा । आज मैं परेशां नहीं होता " परन्तु कुछ भी अच्छा, कुछ भी ऐसा जो अपने को ऊपर उठता है ,
हमारी प्रवृति है। उसे टाल देने की : "मैं इसे बाद मे , किसी और समय, कल करूँगा "
Tuesday, May 20, 2008
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