Monday, May 12, 2008

5/11/2008

Sutra
Subject begging
There is a throne, why don't you sit in that throne? It is for you। You are walking around with a torn cloth, in a shabby state, begging for things that anyway belong to you. Stop being a beggar. And craving is nothing but being like a beggar.

एक राज सिंहासन है तुम उस पर क्यों नहीं बैठ जाते? यह तुम्हारे लिए ही तो है
तुम फटे कपड़े पैहने घुमते हो, मैली कुचैली अवस्था मैं
उन चीजों की भीख मांगते हो जो तुम्हारी अपनी ही हें
भीखारी मत बनो, और लालसा करना भीखारी बनने के समान है।

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