Thou Art Supreme
That which is unmoved, like the ocean without waves, that which is free and pure, that which exists in the three periods of time---the past, present, and future---that supreme art Thou। Meditate on this and realize, right now.
वह जो अटल है , जैसे सागर बिना लहर के, वह जो स्वतंत्र और पवित्र है , वह जो तीनो कल्नो मैं विद्यमान है ----भूत, वर्त्तमान और भविष्य ----वह सर्वशक्तिमान ब्रह्म तू है । इस पर ध्यान करो और इसे समझो और पालन करो ।
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