Sunday, December 7, 2008

12/1/2008

No Rejects!
A master is like an ocean. Ocean is there, readily available. It does not reject anybody.

गुरु सागर के समान होता है. सागर वहां, तत्पर उपलब्ध है. वेह किसी को नापसंद नहीं करता है.

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