Sunday, December 7, 2008

12/7/2008

Feverishness
When feverishness clogs your head, your mind is not clear; a poetry cannot dawn on that. If there is feverishness, any creative thought will not come.

जब ज्वर तुम्हारे सर में भर जाता हो, तुम्हारा दिमाग खली नहीं हो; कविता नहीं आरंभ कर सकते. यदि वहां ज्वर है, कोई भी रचनात्मक विचार नहीं आयेंगे.

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