Monday, June 2, 2008

30/05/2008

No Gain, No Loss
The mere presence of the sun brings all the activity in the world। In the same way, your mere presence is a service, is the goal. There is no gain, no loss, no purpose, no defeat.

केवल सूरज की उपस्तिथि संसार मैं क्रियाशीलता लाती है । ठीक इसी तरह, केवल तुम्हारी उपस्तिथि ही एक सेवा है , एक लक्ष्य हैइसमे ना कोई लाभ, ना हानि, ना उद्देश्य, ना ही कोई हार है ।

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