Tuesday, June 24, 2008

6/17/2008

No Rejects!
A master is like an ocean। Ocean is there, readily available. It does not reject anybody.

गुरु सागर के सामान होता है. सागर वहां है, पूर्णतया उपलब्ध है।
वेह किसी को भी अस्वीकार नहीं करता है।

No comments: