Withdraw your senses
Withdraw your senses from the object to its source, then the union happens, then the yoga happens. You look at something beautiful---now, take your attention from that something to the feeling of beauty that is arising in you.
अपनी इन्द्रियों को विषयों से वापस स्रोत की और लाओ, तब एकता होती है, तब योग होता है। तुम किसी सुन्दर वस्तु को देखते हो---अब , उस वस्तु से ध्यान हटा कर सुन्दरता की भावना ऊपर लाओ जो तुम्हारे भीतर उथल रही है।
Tuesday, June 24, 2008
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