Steadiness
When you sit for meditation, are your eyes steady? Is your breath steady? Is the prana haphazard? Is it going smooth and steady or going haphazard? When the senses are steady, the soul also becomes peaceful. Your Being, your spirit inside you, becomes steady.
जब तुम ध्यान के लिए बैठते हो, क्या तुम्हारी आँखें स्थिर होती हैं? क्या तुम्हारी स्वांस स्थिर है? क्या प्राण उथल-पुथल हैं? क्या वेह सरलता और स्थिरतापूर्वक चल रही है या उथल-पुथल चल रही है? जब इन्द्रियां स्थिर होती हैं, आत्मा भी शांत हो जाती है. तुमारा होना, तुम्हारे अन्दर की आत्मा, स्थिर हो जाती है.
Wednesday, September 10, 2008
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