Wednesday, September 10, 2008

9/9/2008

Spreading Around
You sit and think; you sit and feel. Do you think that feeling just remains with you? It reaches far beyond this universe. Your intentions, your feelings get spread much faster than the radiation. It is spread all over this globe and far, far beyond.
तुम बैठो और सौचो; तुम बैठो और महसूस करो। क्या तुम सौचते हो की अनुभव सिर्फ़ तुम्हारे साथ रहते है? यह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड मैं पहुँच जाती है. तुम्हारी आकांक्षाएं, तुम्हारे अनुभव रेडिएशन से भी अधिक तेज फैलता है. यह संपूण धरती पर और भी दूर दूर तक फैला हुआ है.

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