Sunday, September 21, 2008

9/11/2008

Play
This entire creation is rejoicing in you। Because, it is a play, it is a game. It's not a serious something that is judged and punished.
यह सम्पूर्ण सृष्टि तुम मैं खुशियाँ मना रही है. क्योंकि, यह एक नाटक है, यह एक खेल है. यह कोई गंभीर समस्या नहीं है जिसे जांचा जाए या दुन्दित किया जाए.

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