Sunday, September 21, 2008

9/10/2008

Nectar and Poison
In every breath there is Divine nectar. There is nectar that flows out of it. Or poison can flow.
प्रत्येक साँस मैं इश्वर्य अमृत है. अमृत ही उस से बहार की तरफ़ बहता है. या विष बह सकता है.

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