Wednesday, September 10, 2008

8/27/2008

Looking for the Unseen
A hand unseen is behind this creation, and every pair of eyes is looking for that hand, which is not seen. Wherever one looks, one is looking for that hand which is behind and unseen.

इस सृष्टि के पीछे एक उन्देखा हाथ है, और प्रत्येक आँख उसे ढूँढ रही है, जिसे कभी नहीं देखा है. जहाँ भी मानव देखता है, वेह उसे हाथ को ही खोजता है जो इसके पीछे है और उन्दिखा है.

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